मात्र् 70 प्रतिशत ही बंट पाया मुआवजा,34 गावों का कब्जा पत्र अब भी बाकी
बस्ती। तय समय से एक साल लेट हो गई बस्ती रिंग रोड परियोजना। अब भी निर्माण शुरू होने में देरी है। जनवरी 2024 में मुआवजा बांटने की तैयारी थी। नौ माह बीतने के बाद भी मुआवजा वितरण नहीं हो सका। सिर्फ 185 करोड़ यानी 70 प्रतिशत मुआवजा ही बंट पाया है।
जबकि केंद्रीय राज्य सड़क परिवहन मंत्रालय को निर्माण शुरू करने के लिए 90 प्रतिशत मुआवजा बंटने का इंतजार है। शहर के चारों तरफ प्रस्तावित रिंग रोड परियोजना कागजों में उलझकर रह गई है।
दो साल का वक्त जमीन चिह्मांकन से लेकर मूल्यांकन तक में लग गया। जनवरी 2024 में किसी तरह यह प्रक्रिया पूरी हुई तो मुआवजा वितरण में मामला फंस गया। प्रथम फेज में 54 गांवों में रिंग रोड की फोरलेन सड़क बनाने के लिए 111 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जानारोड-
विशेष भूमि आधिपत्य कार्यालय से जमीनों की रजिस्ट्री की प्रक्रिया नौ माह से चल रही है। आठ हजार किसानों में तीन सौ करोड़ मुआवजा वितरित होना है।
सिर्फ 20 गांवों के भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हुई है। जिला प्रशासन की ओर से इन गांवों की अधिग्रहित जमीनों का कब्जा पत्र केंद्रीय राज्य सड़क परिवहन मंत्रालय को उपलब्ध करा दिया गया है। 34 गांवों का कब्जा पत्र दिलाना बाकी है। यह तभी होगा जब शेष 115 करोड़ मुआवजे का वितरण कर लिया जाएगा।
रिंग रोड शहर से 10 किमी दूर गोटवा बाजार से शुरू होकर हड़िया चौराहे होते हुए फिर उसी स्थान पर आकर समाप्त की जाएगी। प्रथम फेज में सड़क की लंबाई 22.15 किमी है।
फोरलेन के मानक के अनुसार 22 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण होना है। इसके लिए 45 मीटर चौड़ाई में जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा। सड़क के दोनों तरफ 11.5-11.5 मीटर जमीन खाली छोड़ी जाएगी।
कुछ जगहों पर जहां पुल, कॉम्प्लेक्स, पार्किंग, टोल प्लाजा आदि का निर्माण प्रस्तावित है वहां 60 मीटर चौड़ी जमीन अधिग्रहित की जाएगी। जमीनों के मुआवजा समेत सड़क की कुल लागत 1138.32 करोड़ रुपये निर्धारित है। कटया में रिंग रोड का टोल प्लाजा बनना प्रस्तावित है।
विशेष भूमि आधिपत्य कार्यालय में 15 दिन पहले तक प्रतिदिन 20 से 25 मुआवजे की फाइल तैयार किए जाने का अनुपात था।मगर प्रभारी एस एल ए ओ का स्थानांतरण हो जाने से इसकी गति धीमी है।



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