दुर्गा पूजा अनुमति में पेंच ..पांच अलग अलग जगहों से लेनी पड़ रही अनुमति
बस्ती में अब दुर्गा पूजा की राहें कठिन होती दिख रही हैं,दुर्गा पूजा आयोजक मंडल में प्रशासन द्वारा निर्गत आदेशों के पालन को लेकर हताशा सामने आयी है।
दुर्गा पूजा आयोजन की अनुमति के लिए प्रक्रिया जटिल हो गयी है
आवेदन के लिए आयोजक इधर से उधर दौड़ लगा रहे हैं
बस्ती। दुर्गा पूजा समारोह आयोजित करने के लिए प्रशासन से अनुमति लेने की प्रक्रिया जटिल हो गई है। इसके लिए एक साथ चार विभाग और पांच जगहों से रिपोर्ट लगवानी पड़ रही है। सबकुछ अनुकूल होने के बाद ही एसडीएम स्तर से आयोजन की अनुमति मिल पा रही है। यह प्रक्रिया काफी उलझाऊ बन गई है। आयोजन समितियों को इसके लिए कई-कई दिनों तक इधर से उधर भागदौड़ करनी पड़ रही है।
दुर्गा पूजा आयोजन के लिए सरकारी अनुमति लेना चुनौती बन गया है। आयोजक अनुमति के लिए एसडीएम कार्यालय में प्रार्थनापत्र दे रहे हैं। मगर, इसी के बाद समस्या बढ़ जा ही है। इस पर कई विभागों की रिपोर्ट मांगी जा रही है। यह सब अपने आप नहीं हो रहा है। आवेदक को ही दौड़भाग कर रिपोर्ट लगवानी पड़ रही है। इससे आयोजन समितियों की परेशानी बढ़ गई है।
त्योहारों के मद्देनजर पिछले दिनों हुई प्रशासनिक बैठक में आयोजन समितियों की तरफ यह मुद्दा उठाया गया था। अनुमति की प्रक्रिया सरल बनाने की मांग भी उठाई गई। मगर, इसके सरलीकरण की व्यवस्था नहीं बन पाई। अब समितियों को आवेदन पत्र के साथ संबंधित विभागों में चक्कर काटना पड़ रहा है।
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ऐसे लें अनुमति
आजकल एसडीएम कार्यालय में प्रतिदिन 20 से 25 दुर्गा पूजा आयोजन की अनुमति के लिए प्रार्थनापत्र जमा हो रहे हैं। प्रत्येक आवेदन पर एसडीएम स्तर से विद्युत, फायर, पुलिस विभाग की रिपोर्ट तलब की जा रही है। इससे समय भीतर अनुमति मिलना कठिन है। ऐसे में आयोजक ही दौड़भाग कर प्रक्रिया पूरी करा रहे हैं। वह विद्युत और अग्निशमन विभाग से अनापत्ति रिपोर्ट लगाकर पुलिस के समक्ष पेश कर रहे हैं। इसके बाद स्थानीय चौकी से रिपोर्ट लगवाकर थाना कार्यालय के जरिये प्रार्थनापत्र सीओ कार्यालय पहुंच रही है। यहां से अग्रसारित होकर सभी आवेदन एसडीएम कार्यालय में आ रहे हैं। रिपोर्ट अनुकूल होने पर ही अनुमति पत्र आयोजकों को मिल रहा है।
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शहरी क्षेत्र में 300 से अधिक दुर्गा प्रतिमाएं होंगी स्थापित
शहरी क्षेत्र में इस बार 300 से अधिक दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित होंगी। इसके लिए प्रत्येक आयोजन समिति को अनुमति लेना अनिवार्य हैं। आजकल एसडीएम कार्यालय से लेकर पुलिस कार्यालय मे पूजा कमेटियों से जुड़े सदस्यों की भीड़ देखी जा रही है। वह पटल-पटल अपने आवेदन की स्थिति देख रहे हैं। पुरानी बस्ती के सुभाष ने बताया कि एक सप्ताह से अनुमति लेने के लिए दौड़-भाग कर रहा हूं। एसडीएम ने रिपोर्ट के लिए विभागों को मार्क कर दिया है। खुद लगकर विद्युत, अग्निशमन कार्यालय, पुलिस चौकी से रिपोर्ट लगवाना पड़ा है। अभी भी आवदेन की पत्रावली लटकी हुई है। जबकि गांधीनगर के दिवाकर ने बताया कि अनुमति की प्रक्रिया सरल होनी चाहिए। हमारे ऊपर आयोजन का भार है। सब काम छोड़कर अनुमति के लिए दौड़ना पड़ रहा है।
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नए आयोजन में हो रही कठिनाई
दुर्गा पूजा के नए आयोजन के लिए अनुमति लेने में और कठिनाई है। पुलिस से लेकर अग्निशमन कार्यालय तक नए आयोजनों के लिए अनुकूल रिपोर्ट लगाने से परहेज कर रहे हैं। पचपेड़िया के अमित कुमार ने बताया कि उनकी नई कॉलोनी में लोग दुर्गा पूजा का आयोजन करना चाह रहे हैं। लेकिन, विद्युत निगम और पुलिस के स्थानीय जिम्मेदार रिपोर्ट नहीं लगा रहे हैं। उनका कहना है कि परंपरागत आयोजनों को ही अनुमति दी जाएगी।
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एडीएम का सुझाव
एडीएम प्रति पाल सिंह चौहान ने कहा कि दुर्गा पूजा आयोजन के लिए सुरक्षा की दृष्टि से विद्युत, अग्निशमन और पुलिस विभाग की रिपोर्ट मांगी जा रही है। पूजा पंडाल प्रत्येक दृष्टिकोण से सुरक्षित जगह पर स्थापित हो रहा है या नहीं इसकी तस्दीक करना जरूरी है। ताकि कोई घटना न होने पाए। वैसे इस तरह के आवेदनों पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। आयोजन समितियों को भी यह ध्यान देना होगा कि आयोजन स्थल पूरी तरह से सुरक्षित रहे। ऐसा न होने पूजा पंडाल बिजली तार, पोल या ट्रांसफार्मर के बिल्कुल करीब हो। पंडाल के चलते मार्ग भी अवरूद्ध न किया जाए। लोग अपने घरों के सामने या कॉलोनी में खुली जगह पर आपसी सहमति से यह आयोजन कर सकते हैं
अनुमति देने की प्रक्रिया और सरल होनी चाहिए। आयोजन समितियों के आवेदन पर प्रशासन खुद आवश्यक विभागों से रिपोर्ट मंगवाए। इससे समिति के लोगों को ज्यादा भागदौड़ न करना पड़े। यह मुद्दा प्रशासन के समक्ष फिर से उठाया जाएगा।
पं. संजय शुक्ल, पीठाधीश्वर, मां काली शक्ति पीठ, रेलवे स्टेशन
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पुलिस विभाग अनुमति से संबंधित सभी प्रार्थनापत्रों पर हाथोंहाथ रिपोर्ट लगाकर दे रहा है। परपंरागत आयोजनों में कोई बाधा नहीं है। नए आयोजन स्थल का मुआयना जरूरी है। वैसे आयोजन समितियों को अनुमति प्राप्त करने की कार्रवाई में थोड़ा पहले से ही रुचि दिखानी चाहिए। इससे प्रशासन को भी छानबीन करने का समय मिल जाता है।
-सत्येंद्र भूषण त्रिपाठी, सीओ सिटी

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