• ठिकानों पर पहुंचने लगे जुआरी, फोन पर मिल रहा लोकेशन
• हरदिया, पांडेय बाजार जुए के अड्डे के शौकीनों से गुलजार
बस्ती। फड़ पर दो तरह की गड्डी है...। एक बापू छाप नोटों की और दूसरा तास के 52 पत्तों की। दोनों का तालमेल ऐसा कि शौकीन दांव पर दांव लगाए जा रहे हैं। कभी निहाल तो कभी मायूस हो रहे हैं। बीच बीच में एक्का से लेकर बेगम, बादशाह तक की गूंज हो रही है। यह हैं तास के पत्तों का कट गेम..। इसमें तुरंत आर या पार का फैसला है। जिसके हाथ चकरी चल गई तो यह देख बाकी लोग चकरा जा रहे हैं। दिवाली से पहले ही शहर से लगायत कस्बा और गांव तक जुआ अड्डे जग गए हैं। चर्चित ठिकानों की लोकेशन जुआरियों को मिलने लगी हैं। कहीं दिन में ही तो कहीं रात में जुआ के शौकीनों से गुलजार हो रही है। शहर में तो हरदिया, पांडेय बाजार और दक्षिण दरवाजा जैसे पुराने अड्डे जुआ संचालित होने की जानकारी शौकीन खुद फोन पर एक दूसरे को देते नजर आ रहे हैं। बजट के हिसाब से लोग इन अड्डों को अपनी पसंद बना रहे हैं। कहीं सैकड़ा में दांव चल रहा है तो कहीं लाखों का वारा न्यारा हो रहा है। जुआरी 50 हजार से एक लाख तक की गड्डी एक ही बार में दांव पर लगा दे रहे हैं। पांच हजार दस हजार की गड्डी इसी तरह दांव पर लगाई जा रही है। पत्ता फेटते ही जुआरियों में उछलकूद मच रहा है। अपने अपने शुभ अंक पर लंबी बाजी लगाने से कोई नहीं चूक रहा है। इस खेल में बड़े बड़े सफेदपोश और रसूखदार लोग भी शामिल हैं। इन अड्डों पर जुट रहे प्रभावशाली लोग जुआ खेलने के शौकीन तमाम प्रभावशाली लोग भी है। शहर से सटे
हरदिया चौराहे के निकट से लगायत कुछ सफेदपोश भी पूरी रात जुआ खेलने में मशगूल हैं। यहां एक बार में लाखों का वारा न्यारा हो रहा है। पांडेय बाजार में भी इसी तरह के दांव लगाए जा रहे हैं। तमाम रसूखदार लोगों की जमात यहां बैठ रही है। घंटे दो घंटे के गेम में ही दस से बीस लाख रुपये की हारी बाजी हो रही है। वहीं दक्षिण दरवाजा पर 5 से 10 हजार का दांव एक बार में लगाया जा रहा है। अड्डों के मॉलिक की भी बढ़ी कमाई : दिवाली के धूम में जुआ अड्डों के मॉलिक की भी कमाई बढ़ गई है। जानकार बताते हैं कि प्रत्येक जुआ के शौकीन से गेम में प्रवेश के नाम पर 500 से 1000 रुपये शुल्क लिए जा रहे हैं। इसके अलावा जिसकी कट गेम में चकरी चलती है तो उसे हजार, दो हजार रुपये अलग देना होता है। इस तरह बिना दांव लगाए ही मॉलिक की अच्छी खासी कमाई रोजाना हो जा रही है।रसूखदार जुआ अड्डों पर बाकायदे महंगी चार पहिया वाहनों से पहुंच रहे हैं। उनके ड्राइवर- नौकर, गनर सब बाहर घूम रहे हैं। पानी, चाय, पान एवं शौक के अन्य सामान की जरूरत पड़ने पर ही उन्हें फोन से अंदर बुलाया जा रहा है। सामान देने के बाद यह लोग गाड़ी लेकर अड्डों से दूर हो जा रहे हैं। पुलिस सब जानती हैं: जानकारों की मानें तो इस पूरे खेल को पुलिस भी जानती है। लेकिन, प्रभावशालियों का अड्डा होने के नाते कोई हाथ नहीं डालता है। राम प्रवेश ने बताया कि चर्चित अड्डों से सुविधा शुल्क भी पहुंचाया जा रहा है। इसलिए पुलिस दूर से ही नजारा देख घूम जा रही है। तीन पत्तों का गेम और चुनौतीपूर्ण जुआ अड्डों पर तीन पत्तों का भी गेम खेला जा रहा है। इसमें पत्तों के फंसने पर गेम उलझ जा रहा है। एक साथ दो तीन जुआरियों के पत्ते फंसने पर बाजी बढ़ती जा रही है। बहुत देर बाद जीत-हार हो रही है।


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