संतकबीर नगर की ये घटना बहुत ही स्तबध कर देने वाली है।आखिर एक माँ बाप अपने बच्चे को शिक्षा के माध्यम से अग्रणी बनाने हेतु ही तो किसी मार्ग का चयन करते हैं।ऐसे में जीवन दायिनी माने जाने वाले अस्पताल ही जब भक्षक बन जाएंगे तो क्या ही रास्ता बचता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग के टेमा रहमत के पास स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में कार्यरत महिला कर्मी की मौत का राज सीसीटीवी कैमरा और कॉल डिटेल खोल सकता है। पुलिस ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। चार डॉक्टरों के पैनल ने वीडियो ग्राफी के बीच शव का पोस्टमार्टम किया। वहीं दूसरी ओर पीड़ित परिवार ने हॉस्पिटल के संचालक की भूमिका पर सवाल उठाया है। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया। पोस्टमार्टम हाउस आए नाते-रिश्तेदार यही कह रहे थे कि होनहार बेटी की मौत से परिवार की तमन्नाओं पर पानी फिर गया। पुलिस ने हास्पिटल संचालक पर हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जनपद बस्ती के पुरानी बस्ती क्षेत्र के पहुरा गांव की रहने वाली 24 वर्षीय ममता चौधरी पुत्री रामभवन चौधरी की मेडिकल क्षेत्र में काफी रुझान थी। पिता गुजरात में क्रेन चलाकर परिवार का खर्च उठाते हैं। घटना की सूचना से जहाज से घर के लिए रवाना हो गए हैं। दो भाई और दो बहनों में ममता सबसे बड़ी थी। पोस्टमार्टम हाऊस आए पीड़ित बाबा संतराम चौधरी, चाचा राजमंगल चौधरी और फूफा साधूसरन, चचरे भाई सत्यम बताते है कि करीब 13 महीने पहले ममता संस हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर टेमी चौराहा संतकबीरनगर में रिस्पेसन पर कार्य करती थी। जिसकी कार्य की प्रकृति दिन-रात होने की वजह से निःशुल्क आवास व्यवस्था हास्पिटल की तरफ से उपलब्ध कराया ।
ममता नियमित घर से आती-जाती थी, लेकिन इधर कुछ महीने से वहीं हास्पिटल के आवास में ही रहती थी। सुबह आए तो जिस कमरे में ममता सोती थी, उसमें शव नहीं था, दूसरी जगह बेड पर शव मिला।
ऐसे में अस्पताल के कैमरे से पता चलेगा कि रात में ममता के कमरे में कौन-कौन आया था और क्या-क्या गतिविधि रही। उसकी मोबाइल से भी कुछ अहम जानकारी मिल सकती है। पुलिस को राजमंगल चौधरी के जरिए बुलाया गया। पूर्व में प्राप्त सूचनाओं के जरिए हॉस्पिटल संचालक रामजी राव की भूमिका संदिग्ध है।


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